बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही, राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी है। इसके साथ ही पहला ओपीनियन पोल भी आ गया है जो एनडीए गठबंधन के लिए उत्साह बढ़ाने वाला है तो वहीं महागठबंधन के लिए तनाव बढ़ाने वाला हो सकता है। हालांकि अभी यह प्रारंभिक दौर है। आइएएनएस मैटराइज के ओपीनियन पोल में एनडीए को भारी बढ़त दिखाया गया है। इसके अनुसार भाजपा सबसे बड़ी पार्टी हो सकती है। इस पोल के अनुसार, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में एनडीए को 49% और महागठबंधन को 36% मत मिलने की संभावना है। वहीं अन्य दलों को 15% मत मिलने का अनुमान है। यदि चुनाव परिणाम इसी प्रकार से रहे तो कहा जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में एनडीए की सुनामी दिखने की संभावना है। साथ ही यह भी कहा जा सकता है कि यह पिछले एक-दो महीने में, नीतीश सरकार की ओर से किए गए ताबड़-तोड़ डायरेक्ट बेनेफीट स्कीम का कमाल है।

पोल के अनुसार भाजपा को 80 – 85 सीटें, जदयू को 60- 65 सीटें, जीतन राम मांझी की हम को 3- 6 सीटें, चिराग पासवान की लोजपा रामविलास को 4- 6 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो को 1- 2 सीटें मिलने का अनुमान है। इस प्रकार से एनडीए को न्युनतम 148 और अधिकतम 164 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं बहुमत का आंकड़ा 122 सीट है।
आइएएनएस मैटराइज के पोल के अनुसार महागठबंधन में शामिल राजद को 60- 65 सीटें, कांग्रेस को 7- 10 सीटें, भाकपा एल को 6- 9 सीटें, भाकपा को 0- 1 सीट, भाकपा एम को 0- 1 सीट, मुकेश सहनी की वीआइपी को 2- 4 सीटें, ओवैसी की एआइएमआइएम को 1- 3 सीटें और प्रशांत किशोर की जनसुराज को 2- 5 सीटें मिलने का अनुमान है। इस प्रकार से महागठबंधन को न्यूनतम 78 और अधिकतम 98 सीटें मिलने का अनुमान है। यह आंकड़ा बहुमत से बहुत दूर है। इसके अतिरिक्त बसपा, झामुमो सहित अन्य दलों को 7- 10 सीटें मिलने का अनुमान है।
गुजरते समय के साथ और भी ओपीनियन पोल आएंगे जिन्हें देखना रोमांचकारी होगा। हालांकि पिछले कई ओपीनियन पोल और सर्वे गलत भी सिद्ध होते रहे हैं। आइएएनएस मैटराइज के इस ओपीनियन पोल का, मगध समाचार पुष्टि नहीं करता है।
